देश की ललित कला अकादमियों की वर्तमान प्रासंगिकता
1
Author(s):
DR. KRISHNA MAHAWER
Vol - 8, Issue- 8 ,
Page(s) : 61 - 66
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Get Index Page
Abstract
देश में जब ललित कला अकादमियों का उद्भव हुआ था तब प्रत्येक अकादमी के साथ एक संविधान भी बनाया गया था। जिसमें अकादमी के उद्देश्यों, कार्यकलाप, गतिविधियों, प्रोत्साहनों का वर्णन किया गया था। प्रत्येक अकादमी का अपना एक कार्य करने का तरीका होता था। उनके उद्देश्यों में यह साफ जाहिर लिखा होता था कि देश में कला व संस्कृति के प्रचार प्रसार, युवा कलाकारों को मंच प्रदान करने, देश की लोक कला, आधुनिक कला व अन्य विधाओं को उन्नत करने और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक सजगता उत्पन्न करने के कार्य अकादमी द्वारा किये जायेंगे। इसके लिये दिल्ली के अतिरिक्त लगभग प्रत्येक राज्य में एक अकादमी गठित की गई। जो अपने अपने कार्यक्षेत्र में कार्यरत रहती है।
|