डायन एक अंधविश्वास
1
Author(s):
DR. RICHA PRASAD
Vol - 9, Issue- 7 ,
Page(s) : 123 - 126
(2018 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Get Index Page
Abstract
हमारे देश में जितने तरह के अंधविश्वास कायम हैं उनमें डायन प्रथा सबसे खतरनाक है। डायन प्रथा यानि किसी भी बुरे काम के लिए किसी व्यक्ति विशेष को दोषी करार देकर उसे सामूहिक तौर पर सजा देना या प्रताड़ित करना। कई मामलों में तो ऐसे लोगों की हत्या तक कर दी जाती है। 21 वीं सदी में भी इस प्रथा का कायम रहना शर्मनाक है। डायन प्रथा जैसे अंधविश्वास का हमारे समाज में अभी तक जीवित रहना हमारे भीतर के भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह हमारे ‘सभ्य समाज’ की बौद्धिक निर्धनता को भी दर्शाता है। अंधविश्वास किसी विशेष समाज या देश में नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वाले ज्यादातर गरीब अनपड़ व निचले तबके के लोग होते हैं। वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वास में कमी लाई जा रही है। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे रहस्यों को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है।
|