ई-वेस्ट और ई-वेस्ट प्रबंधन
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Author(s):
SONI SANGWAN
Vol - 10, Issue- 1 ,
Page(s) : 59 - 62
(2019 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
ई-वेस्ट:- आज के इस आधुनिकतावाद एवं वैज्ञानिक काल में विद्युत उपकरणों का तेजी से प्रयोग किया जा रहा है। टूटे-फूटे एवं खराब इलैक्ट्रानिक उपकरणों को सही कराने की अपेक्षा मनुष्य नए उपकरण खरीदना अधिक पसंद करता है। इस प्रकार के बिना प्रयोग में अपने वाले खराब उपकरण को ही ई-वेस्ट कहा जाता है। कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, टैलिविजन, रेडियों, डिजिटल कैमरा । इसी प्रकार के उपकरण है, जिनसे ई-वेस्ट बढ़ता जाता है। पूरे संसार में लगभग 200-500 लाख मीट्रिक टन ई-वेस्ट प्रतिवर्ष तैयार होता जाता है। भारत में भी ई-वेस्ट की मात्रा में निरन्तर वृद्धि हुई है। केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में ई-वेस्ट की मात्रा 2012 में 8 लाख मीट्रीक टन पहुँच गई है।
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