( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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भारत में कृषि विकास का नवीन परिदृश्य

    1 Author(s):  LAXMAN JAISWAL

Vol -  7, Issue- 3 ,         Page(s) : 87 - 91  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

भारत मेें कृषि का जन्म प्राचीन इतिहास के मध्यपाषाण काल से चला आ रहा है । जो सर्वप्रथम बेलन घाटी-चैपानी माण्डों से अब तक मानव अपनी आवश्कता के अनुरूप कृषि का विकास करता आ रहा है। कृषि भारत की मूल अर्थव्यवस्था भी है इस दृष्टि से भी विकास होता गया , यहाँ तक कि वाणिकवादी (17 वीं शताब्दी) तथा प्रकृतिवादी, (18 वीं शताब्दी) अर्थशास्त्रीयों ने भी कृषि के विकास पर जोर दिया कि कृषि उत्पादों की वृद्धि कर ज्यादा से ज्यादा निर्यात कर सके जिसके बदले में स्वर्ण हम अपने पास प्राaप्त कर सके। परन्तु 18 वीं शताब्दी के अन्त तथा 19 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में अंग्रेजो ने हमारी कृषि के विकास को अवरूद्ध कर दिया और खाद्यान्न की कमी हो गयी अर्थव्यवस्था टूटने के कगार पर आ गयी।

1. आर्थिक समीक्षा 2014&15 Vol.II  पृष्ठ 77
2. आर्थिक समीक्षा 2014&15 Vol.II पृष्ठ 83
3. New Agricultural strategy, 1965 the CACP, 1967 and ministry of Agricultur, GOI. New Delhi
4 भारत 2011 पृष्ठ 82
5. Economic survey 2011-12P-190
6. आर्थिक समीक्षा 2014&15 Vol.II पृष्ठ- 82
7. आर्थिक समीक्षा 2014&15 Vol.II पृष्ठ-82
 

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