( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 843    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

महिला कार्यशीलता का समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन

    1 Author(s):  DR. NAVIN PRATAP SINGH

Vol -  1, Issue- 1 ,         Page(s) : 86 - 97  (2010 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

परम्परागत रूप से महिलाओं का कार्यस्थल, परिवार एवं उसकी मुख्य भूमिका बच्चों का जन्म एवं उनका पालन पोषण माना गया है। लेकिन बदलते परिवेश में उनका कार्यकारी महिला के रूप में उनकी भूमिकाएं जटिल हो गयी हैं। कार्यकारी महिलाएं भूमिका पुंज के कारण भूमिका द्वन्द्व की चुनैतियां का सामना कर रही हैं। कार्यकारी महिला बनने के लिए उन्हें कहाँ से प्रेरणा मिली ? उनका वैवाहिक जीवन परिवर्तित हुआ, पारिवारिक सदस्यों से उनका सम्बन्ध औपचारिकता उन्मुख होने लगी धनोपार्जन के कारण उनमें पारिवारिक हैसियत बढ़ाने की प्रवृत्ति जगने लगी।

1. अल्टेकर, ऐ.एस. ‘‘पोजिशन आफ वुमेन इन हिन्दू सिविलाइजेशन’’, कल्चर पब्लिशिंग हाउस, बनारस, (1938)।
2. ब्लाड, रार्बट, ओ, ‘‘दि मैरिज’’, दि फ्री प्रेस, ग्लेक्सो, इल्लिनाॅइस (1960)।
3. ब्लड रार्बट, ओ. (जे.आर.) ‘‘डोनाल्ड एम वोल्फ हसवैण्ड एण्ड वाईफ दि यानामिक्स आॅफ मैरिज लिविंग’’, न्यूयार्क, (1965)।
4. बूगल, सी., ‘‘द ऐसेन्स एण्ड दि रियोलिटी आॅफ द कास्ट सिस्टम’’, इन कन्टीव्यूशन टू इन्डियन सोशियोलाॅजी, नं0 2, (1958)।
5. चक्रवर्ती के., ‘‘सम वेशियबल इन रोल कानफिलक्ट एनालोसिस दी कैस आफ मिडिल क्लास वर्किंग मदर’’, सोशियोलोजी इण्डिया।
6. दुबे, एस.सी. ‘‘मैन एण्ड वूमेन्स रोल इन इण्डिया’’, सोसियोलोजिकल रिव्यू, 27 फे0 पैरिस यूनेस्को, (1963)।
7. देवी, इंदिरा, ‘‘दी स्टेटस आफ वूमन इन इनसियन्ट इण्डिया’’, मोतीलाल बनारसीदास, बनारस, (1955)।
8. दुबे, लीला, ‘‘सोसियोलाजी आॅफ किनशिप’’, पापुलर प्रकाशन, मुम्बई, 1972।
9. दुबे, एस.सी., ‘‘इण्डियन विलेज’’, लंदन रोडवेज एण्ड केशन पाॅल लि. (1955)।
10. देसाई, आई.पी., ‘‘सम ऐसपेक्टस आॅफ फैमिली इन महुआ’’, एशिया पब्लिशिंग हाउस, बाम्बे, (1964)।
11. गूडे, जी.जे. ‘‘ए थ्योरी आॅफ रोल स्ट्रेन’’ अमेरिकन सोशियोलाजिकल रि.यू. 25, 483-994, (1960)।
12. गोर, एम.स., ‘‘आर्गेनाइजेशन एण्ड फैमिली चेन्ज’’, पापुलर प्रकाशन, मुम्बई (1968)।
13. हाफमैन, एल.डब्ल्यू., ‘‘पेरेन्टल पावर रिलेशन एण्ड दी डिवीजन आॅफ हाउस हाॅल्ड’’, मैरिज एण्ड फैमिली इन लिविंग, पृ. 27-35, (1960)।
14. कूस, मैरिज, ‘‘दि फ्री प्रेस’’, इल्लिनाॅइस, (1953)।
15. केन पीवी, ‘‘हिस्ट्री आॅफ एसियन्ट धर्मशास्त्रा’’, भण्डारकार आरियन्टल रिसर्ज इन्स्टीट्यूट, पूना, (1941)।
16. कापाड़िया के.एम., ‘‘मैरिज एण्ड फैमिली इन इण्डिया’’, आॅक्सफोर्ड युनि. प्रेस, मुम्बई, (1965)।
17. कोरमैक मार्गरेट, ‘‘शी हू राइड्स’’, ए पीकोक, बाम्बे, (1965)।
18. कपूर, पी., ‘‘वूमेन इन दी होम’’ एन.के. बसीन (एडी.) दी पोजीशन आफ वूमेन इन इण्डिया, मुम्बई, (1976)।

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details