International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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“डिग्गी तालाब“- अजमेर नगर की जलापूर्ति का एक प्राचीन स्त्रोत
2 Author(s): SHAKTI MAHESHWARI , DR. AJAY KUMAR SHARMA
Vol - 7, Issue- 11 , Page(s) : 118 - 127 (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
प्राचीन काल से ही जल जीवन का महत्वपूर्ण घटक रहा है। प्राचीन सभ्यताओं के विकास में जल स्त्रोतों की अहम भूमिका रही हैं एवं तालाबो, बावड़ियों, कुओं, झीलों, जोहड़ों, आदि के निर्माण की परम्परा रही है। राजस्थान में तो इनका निर्माण पुनीत एवं पुण्य का कार्य माना जाता रहा है। बावड़ियों व कुओं को लेकर पवित्रता का भाव रहा है और यहाँ जूते उतारकर चढा जाता था। आमजन ने इन जल तीर्थो को ईष्वर सदृष दर्जा दिया था। इनकी पवित्रता पर विषेष ध्यान दिया गया, जहां कहीं भी मन्दिर का निर्माण हुआ वहां एक कुआं, बावड़ी या तालाब की भी खुदाई की गई तथा मन्दिर का पूरा कार्य इसी पानी से होता था। धीरे-धीरे पानी की उपलब्धता पाइपलाइन के द्वारा आसानी से होने लगी तो आमजन ने इनके महत्व को भुला दिया।