स्वतंत्रता के पश्चात् पंचायती राज व्यवस्था
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Author(s):
DR. ABHAY KUMAR
Vol - 7, Issue- 11 ,
Page(s) : 277 - 282
(2016 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत ने स्थानीय स्वशासन की ओर ध्यान देना शुरू किया। स्थानीय स्वशासन के बारे में चूँकि संविधान निर्माताओं ने संवैधानिक व्यवस्था कर रखी थी। 26 जनवरी सन् 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ। चूंकि संविधान में स्थानीय स्वशासन को राज्य सूची के अंतर्गत रखा गया था तथा राज्यों की विधानमण्डल को इसके बारे में कानून बनाने का अधिकार दिया गया था तथा राज्यों के नीति निर्देशक सिद्धान्तों में कहा गया कि ‘‘राज्य का कर्Ÿाव्य होगा कि वह ग्राम पंचायतों को इस ढंग से संगठन करे कि स्थानीय स्वशासन की इकाईयों के रूप में कार्य कर सके।
- भारत का संविधान अनुच्छेद 40.
- ड्राफ्ट आउटलाईन आफ द सेकण्ड फाईव ईयर प्लान, नई दिल्ली, 1956, पृ.- 476.
- कोठारी रजनी, पालिटिक्स इन इंडिया, पृ.-95.
- रिपोर्ट आन द कमेटी आन पंचायती राज इन्स्टीट्यूशन, 1978, पृ.-3.
- मेहता अशोक, चेयरमेन रिपोर्ट आॅफ द कमेटी आॅन पंचायती राज इंस्टीट्यूशन्स
- वही, पृ.-3.
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (ए).
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (बी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (सी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (सी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (सी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (सी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (सी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (डी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (डी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (डी)
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (ई).
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (जी).
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (एच).
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (आई).
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (जे).
- भारत का संविधान, अनुच्छेद 243 (के).
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