( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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डाॅ.भीमराव अंबेडकर की सामाजिक प्रासंगिकता

    1 Author(s):  HEMANT SHARMA

Vol -  9, Issue- 1 ,         Page(s) : 225 - 230  (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

अंबेडकर का संपूर्ण जीवन भारतीय समाज में सुधार के लिए समर्पित था। वे अस्पृश्यों तथा दलितों के मसीहा थे। उन्होंने सदियों से पद दलित वर्ग को सम्मान पूर्वक जीने के लिए एक सुस्पष्ट मार्ग दिया। उन्हें अपने खिलाफ होने वाले अत्याचारों, शोषण, अन्याय तथा अपमान से संघर्ष करने की शक्ति दी। उनके अनुसार सामाजिक प्रताड़ना राज्य द्वारा दिए जाने वाले दंड से भी कहीं अधिक दुखदाई है।

1 सी. एम. लॉजो, डॉ अंबेडकर: लोकतंत्र की महिमा (1984) 
2 राजेंद्र मोहन भटनागर,  डॉ अंबेडकर दर्शन (1990) 
3 मोवाली चंद्रा, भीमराव अंबेडकर: मानव व उसकी दृष्टि (1990)
4 सी. एस. भंडारी, भीमराव अंबेडकर: एक अच्छे देशभक्त (1991)
5 मधु लिन्यें, बाबा साहब अंबेडकर: एक चिंतन (1991)
6 विष्णु दत्त नागर, डॉक्टर अंबेडकर के आर्थिक विचार और नीतियां (1995)
7 बी. आर. घातक, डॉक्टर अंबेडकर के विचार (1997)
8 ए. के. मजूमदार, अंबेडकर और सामाजिक न्याय (1997)
9 डी. आर. जाटव, डॉ. अंबेडकर: एक प्रखर विद्रोही (2004)

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