हिन्दी के प्रसार में गिरमिटियों की भूमिका
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Author(s):
DR. REKHA CHAUDHARY
Vol - 7, Issue- 3 ,
Page(s) : 448 - 452
(2016 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
आज हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा के रूप में अपना स्थान बना चुकी है। भारत के हिन्दी भाषियों में बड़ी संख्या में वे लोग हैं, जिनकी मातृभाषा हिन्दी नहीं है, लेकिन वो अपने व्यवहार में बड़ी कुशलता से हिन्दी का व्यवहार करते हैं।
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