महिलाओं की द्वितीयक प्रस्थिति: सामाजिक, जैविक एवं मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य
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Author(s):
PARMINDER SINGH , DR.SANDEEP KUMAR PANDEY
Vol - 8, Issue- 4 ,
Page(s) : 197 - 204
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
मानव-समाज में स्त्रियों की द्वितीयक स्थिति के क्या कारण है? इस सम्बन्ध में विभिन्न समाज वैज्ञानिकों, मानवशास्त्रियों, मनोवैज्ञानिकों, नारीवादियों ने अपने अलग-अलग मत एवं सिद्धान्त प्रस्तुत किये हैं। उपरोक्त सभी के विचारों के अध्ययन व विश्लेषण करने पर नारी के जीवन को तीन पक्षों में विश्लेषित किया जा सकता है.
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