International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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जाति प्रथा और दलित दमन की समस्या : राम मनोहर लोहिया के दृष्टिकोण
1 Author(s): SUSHEEL KUMAR MANDAL
Vol - 10, Issue- 3 , Page(s) : 495 - 498 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
एक सच्चे ंसनातनी हिन्दू की तरह लोहिया का विष्वास था कि समाज या सभ्यता चक्रवत आगे बढ़ती है। वही चक्र दुहराया जाता है चक्र के ढाँचे के भीतर जाति और वर्ग के बीच दोलन होता रहता है। लोहियावादी समझ यह है कि वर्ग, समानता कि चाह की अभिव्यक्ति है और वर्ण न्याय की चाह की अभिव्यक्ति है। दूसरी बात जो लोहया जी ने कही वह यह कि यह कहना सही नहीं है कि सामंतवाद से समाजवाद का उत्थान प्रगतिषील या सर्जनात्मक है।