( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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मानवाधिकार एवं दलित अत्याचार

    1 Author(s):  ARCHANA KUMARI

Vol -  10, Issue- 3 ,         Page(s) : 499 - 504  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

आज के भौतिकवादी समाज में भी उच्च वर्गों के कुछ लोगों द्वारा इसकी उपेक्षा की जाती है । चूँकि मनुष्य की लालची प्रवृत्ति ने उसे अपने तक सोचने के लिए सीमित कर दिया है । ऐसे में उसकी व्याप्ति के लिए मानवाधिकारवादी समाज का निर्माण अत्यंत आवश्यक हो गया है । समाज का एक बड़ा हिसा (दलित समाज) मानवाधिकारों से अभी भी वंचित है। समाज के तथाकथित मुख्यधारा के लोग समाज के अपने हिस्से से घृणा करते हैं । ऐसी सभ्यता का मानवाधिकारवादी समाज बहिष्कार करता है । अस्पृश्यता जाति व्यवस्था का सबसे अधिक क्रूर तत्त्व है ।

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