( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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मिथिला मैदान में फलोत्पादन एवं फल आधारित उद्योग की संभावनाएँ

    1 Author(s):  DR. DINESH KUMAR SAHU

Vol -  10, Issue- 3 ,         Page(s) : 505 - 510  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

पश्चिम में गंडक नदी से लेकर पूरब में कोसी नदी तक और उत्तर में नेपाल तराई से लेकर दक्षिण में गंगा नदी तक 830 191 50‘‘ पूर्वी देशान्तर से 860 42‘ 5‘‘ पूर्वी देशान्तर तथा 250 131 45‘‘ से 270 31‘ 15‘‘ के मध्य 26761 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर विस्तृत मिथिला का मैदान मध्य गंगा मैदान के अंतर्गत उत्तर गंगा मैदान के आधे से अधिक भू-क्षेत्र पर अवस्थित है तथा एक समस्याग्रस्त भौगोलिक प्रदेश है । प्रोफेसर आर0 एल0 सिंह ने अपनी उत्कृष्ट रचना ‘भारत : एक क्षेत्रीय भूगोल‘ में सम्पूर्ण देश के भौतिक - सांस्कृतिक तत्वों की क्षेत्रीय समानताओं और विषमताओं को आधार मानकर वृहद क्षेत्र, उप - क्षेत्र और लघु क्षेत्र में विभक्त किया है ।

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