( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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संगीत में निहित ताल का दार्शनिक स्वरूप : एक विश्लेषण

    1 Author(s):  RAKESH KUMAR DAS

Vol -  9, Issue- 8 ,         Page(s) : 211 - 213  (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

विश्व का कोई भी संगीत ऐसा नहीं कि जिसमें लय न हो, किन्तु ‘ताल’ केवल भारतीय-संगीत की विशेषता है। भारतीय-संगीत में ‘ताल’ का संबंध काल तत्त्व से है। ‘काल’ में ही वह अनुभूत होता है। उसका प्रस्तुतीकरण भी काल में ही होता है। गीत, वाद्य और नृत्य-कला में ‘काल’ का महत्त्व अन्य कलाओं से अधिक होता है।

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