International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
आधुनिककालीन हिन्दी-वीर-काव्य एवं मिथिला
1 Author(s): DR. VIRENDRA KUMAR YADAV
Vol - 9, Issue- 8 , Page(s) : 220 - 225 (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
हिन्दी साहित्य के आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक मिथिलांचल में वीरकाव्य की अनाहत परम्परा रही है। हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल में तो हिन्दी के राष्ट्रकवि को ही उत्पन्न करने का गौरव मिथिलांचल को मिला है। आधुनिक काल में मिथिलांचल के सिमरिया बेगूसराय निवासी राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’, समस्तीपुर निवासी आरसी प्रसाद सिंह, पोद्दार रामावतार अरुण एवं सुरेन्द्र प्रसाद तथा दरभंगा के डॉ. अमरेन्द्र मिश्र एवं प्रभाकर पाठक जैसे कवियों ने हिन्दी की वीर-काव्यधारा को अक्षुण्ण रखा है।