International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
काशीनाथ सिंह के उपन्यासों में नारी-चेतना
1 Author(s): MALA KUMARI
Vol - 8, Issue- 3 , Page(s) : 339 - 343 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
‘रेहन पर रग्घू’ प्रख्यात कथाकार की रचना-यात्रा का नित्य-शिखर है। भूमण्डलीकरण के युग में संवेदना, सम्बन्ध और सामूहिकता की समाप्ति को भली-भाँति दर्शाया गया है। आज के इस मशीनी युग में संवेदना और सम्बन्धों का जो निर्मम ध्वंस हुआ है, जो बदलाव का तूफान उठा है, उसका जीता-जागता प्रमाण है-‘रेहन पर रग्घू’। जब हम गाँव छोडकर शहर आते हैं तो अपनी बेपरवाही और बेफिक्री पीछे छोड़ आते हैं। यह उपन्यास वस्तुतः गाँव, शहर, अमेरिका तक के भूगोल में फैला हुआ अकेले पड़ते जा रहे समकालीन मनुष्य को बेजोड आख्यान है।