( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराध एवं पुलिस की भूमिका का समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में शोध्परक अध्ययन

    1 Author(s):  DR. BHUR SINGH JATAV

Vol -  10, Issue- 1 ,         Page(s) : 581 - 595  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

किसी व्यक्ति, समूह या समुदाय के विरु( उन्हें किसी प्रकार के मानसिक या शारीरिक चोट पहुंचाने के लिए जान-बूझकर किये गए शक्ति के प्रयोगय् को हिंसा कहते हैं। फ्जान-बूझकर किया गया कोई भी ऐसा काम जो समाज विरोध्ी हो या किसी भी प्रकार से समाज द्वारा निर्धरित आचरण का उल्लंघन अथवा जिसके लिए दोषी व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता ;आई.पी.सी.द्ध के अंतर्गत कानून द्वारा निर्धरित दंड दिया जाता होय् ऐसे काम अपराध् कहलाते हैं।

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