( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार के संदर्भ में डॉ. अम्बेडकर का चिंतन

    1 Author(s):  SURENDER KUMAR

Vol -  5, Issue- 2 ,         Page(s) : 40 - 55  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

अम्बेडकर ने अस्पृश्यता निवारण तथा दलितों को वैधानिक अधिकार एवं संरक्षण प्रदान किये जाने के प्रश्न पर अपने संवैधानिक विचारों से सभी को प्रभावित किया था। भारत के कोटि-कोटि दलितों, शोषितों को निर्योग्यताओं, सामाजिक उत्पीड़नों से मुक्ति दिलाना उनका लक्ष्य था। नौकरी छोड़कर अम्बेडकर ने वकालत का पेशा चुना ही इसलिये था कि वहां काम करने की आजादी थी और दलितों के वैधानिक अधिकारों की पैरवी करने की सहूलियत थी।

  1. मानवाध्किार, द्वितीय संस्करण 2000-बसन्ती लाली बाबेल
  2. गाँध्ी नेहरू, टैगोर एवं अम्बेडकर, द्वितीय संस्करण 2002- एल.एच. पाण्डेय
  3. आध्ुनिक भारत के निर्माण, डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर, संस्करण 2004- महेश अम्बेडकर
  4. मानवाध्किार- नई दिशायें, संस्करण 2004-राष्ट्रीय मानवाध्किार आयोग, नई दिल्ली
  5. मानवाध्किार, द्वितीय संस्करण 2004-डाॅ0 टी0पी0 त्रिपाठी
  6. मानवाध्किार, 12वां संस्करण 2010-डाॅ0 एच0 ओ0 अग्रवाल
  7. भारत का संविधन, 40वां संस्करण-डाॅ0 जे0एन0 पाण्डेय 2007
  8. हमारा संविधन,
  9.  2009- सुभाष कश्यप
  10. समाज शास्त्रा,  संस्करण 2005- डाॅ0 ओ0 पी0 वर्मा

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