International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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आधुनिक भारत में संस्कृत शिक्षण में ‘शिक्षा’ ग्रन्थों का अवदान
1 Author(s): DR SAHIB SINGH
Vol - 13, Issue- 4 , Page(s) : 200 - 206 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
संस्कृत भाषा में समस्त मानव जाति को एक पिता की संतान मानकर एकता एवं अखण्डता के सूत्र में बांधने की जो बात कही गई है वह निश्चित रूप से प्रशंसनीय है, संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्, माता भूमि पुत्रो अहं पृथिव्याः, इन मन्त्रों में वैदिक ऋषि ने मानवतावाद की जैसी स्थापना की है, वह भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत साहित्य के माहात्म्य एवं विशालहृदयता का ही प्रतीक है। सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, सदाचार, पवित्रता आदि ऐसे जीवन मूल्य हैं, जो जीवन को गतिशीलता प्रदान करते हैं।