( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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हाड़ौती प्रदेश में सिंचाई के विभिन्न साधन एवं सिंचित भूमि के क्षेत्रफल का वितरण प्रारूप

    2 Author(s):  HARISH MAHAWAR ,DR. BABU LAL SHARMA

Vol -  13, Issue- 4 ,         Page(s) : 207 - 213  (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

वस्तुतः भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि है। आंकड़ों को देखे तो देश में 70 प्रतिशत से अधिक जनसँख्या कृषि कार्यों में संलग्न है। चूँकि भारत मानसूनी जलवायु वाला क्षेत्र है तथा वर्षा का अधिकतम प्रतिशत मानसूनी वर्षा के द्वारा ही प्राप्त होता है अतएव भारतीय कृषि पूर्णरूपेण वर्षा पर ही निर्भर करती है तथा वर्षा की प्रकृति एवं प्रवर्ति अनियमित होने के कारण ही भारतीय कृषि अनिश्चितता लिए हुए है तथा इसी अनिश्चितता के कारण यहाँ सिंचाई का महत्व भी बढ़ जाता है।

Abha Laxmi Singh (1992): “Impact of different sources of irrigation on cropping pattern yields and farm practices”. The Geographical review of India 54 (1): 19.
Ashok Gulati (2005): “Institutional reforms in Indian Irrigation System” page 48.
Dhawan, B.D. (1988) “Irrigation in India’s Agriculture Development” Sage Publishing New Delhi. 

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