International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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उषा यादव के बाल उपन्यास में सामयिकता
1 Author(s): DR.BHARTI
Vol - 13, Issue- 4 , Page(s) : 435 - 437 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
सामयिकता से तात्पर्य सामयिक या समकालीन होने की अवस्था या भाव से है। सामयिकता वर्तमान समय या परिस्थिति आदि के विचार उपयुक्त दृष्टिकोण या सोच को कहा जाता है। साहित्यकार के लिए आवश्यक है कि उसके द्वारा रचित साहित्य में सामयिकता का गुण अवश्य होना चाहिए। समकालीन बाल साहित्य में सामयिकता को अधिक महत्त्व दिया गया है।