( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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भारतीय दर्शन में भक्ति

    1 Author(s):  DR. AARTI KAUSHAL

Vol -  13, Issue- 5 ,         Page(s) : 239 - 241  (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

मनुष्य जीवन का चरम लक्ष्य भगवत्सान्निध्य की प्राप्ति है। इस सानिध्य को प्राप्त करने के दो मार्ग हैं- निवृमार्ग और प्रवृति मार्ग। प्रतिकूल प्रवृŸायों की निवृŸा करके विवके द्वारा अनात्म का त्याग कर भगवत्सान्निध्य योग मार्ग या ज्ञान मार्ग कहलाता है।

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