International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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जामे जहाँ नुमा
1 Author(s): DR. GHULAM ASHRAF QUADRI
Vol - 4, Issue- 1 , Page(s) : 722 - 726 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
’जामे जहाँ नुमा‘ का जब नाम आता है तो ज़हन में बादशाह जमशेद के उस जाम का नक्शा उभरता है, जिसमें यह बादशाह अपने मुल्क में हो रहे तमाम जरूरी वाकआत और हादसात को देख लेता था। चूंकि इसमें दुनिया भर की तमाम चीज़े नज़र आती थीं इसीलिये जामे जहाँ नुमा कहते थे। किसी समाचार-पत्र का नाम ’जामे जहाँ नुमा‘ रखने का मक़सद भी यही रहा होगा कि इसमें विश्वदर्शन का तसव्वुर था।