International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
वर्तमान में वेदों की प्रासंगिकता
1 Author(s): SITAKANTA NAIK
Vol - 5, Issue- 2 , Page(s) : 761 - 768 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
आज भारत जब विकास के मार्ग पर इतना अग्रसर हो चुका है कि उसकी गिनती विश्व के महाशक्तियों की श्रेणी में होने लगी है तब भी वेदों में ऐसा क्या है, जिसे हम आज भी आवश्यक समझते हैं, पढ़ने पर जोर देते हैं। वेदों की इन बातों पर यहाँ दृष्टिपात करते हैं-