International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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समाज में शिक्षक की बहुआयामी एंव उदद्श्यपरक भूमिका
1 Author(s): ASRA BIBI SIDDIQUI
Vol - 13, Issue- 6 , Page(s) : 242 - 244 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
शिक्षा सभ्य एवं सुसंस्कृत जीवन का आधार है शिक्षा के समुचित प्रचार एंव प्रसार के द्वारा ही विकसित समाज का निर्माण सम्भव है। छात्र भावी समाज के कर्णधार हैं और शिक्षक इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अपने छात्रों को पूर्ण सहयोग देता है। शिक्षक की महिमा एवं उसकी गरिमामयी भूमिका को इस प्रकार ही समझा जा सकता है कि प्रत्येक युग में गुरू या शिक्षक का स्थान समाज में सर्वोपरि रहा है। कबीर दास ने कहा है- ’’गुरू गोविन्द दोऊ खडे़ काके लागू पाय, बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताये’’।