International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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स्त्री विमर्श : स्वरूप एवं अवधारणा
1 Author(s): SUMAN
Vol - 14, Issue- 1 , Page(s) : 231 - 233 (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
स्त्री पुरुष दोनों ही समाज के अभिन्न अंग है। दोनों के बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। समाज रूपी रथ के यह स्त्री और पुरुष दो पहिए हैं । अगर समाज रूपी रथ को आगे बढ़ाना है ,तो स्त्री और पुरुष इन दोनों पहियों की अत्यंत आवश्यकता है।