International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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कबीर और तुलसीदास के साहित्य में सामाजिक समरसता
1 Author(s): JAGDISH PRASAD
Vol - 14, Issue- 1 , Page(s) : 333 - 336 (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
समाज में साहित्यकार सबसे अधिक संवेदनशील होता है।सामाजिक समरसता बिगड़ने पर वह सबसे ज्यादा विचलित होता है।साहित्यकारों को सामाजिक समरसता विषय पर विभिन्न विधाओं में साहित्य का सृजन कर समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य करना चाहिए क्योंकि साहित्यकार समाज के सजग प्रहरी होते हैं।