International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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हिन्दी उपन्यास में यथार्थवाद का आविर्भाव
1 Author(s): DR. MAKARAND BHATT
Vol - 1, Issue- 2 , Page(s) : 247 - 250 (2010 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
आधुनिक काल को आचार्य रामचन्द शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के इतिहास में ‘गद्यकाल’ कहकर पुकारा है। गद्य का सम्बन्ध छापेखाने के विकास और विस्तार से जुड़ सकता है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दषकों में देषभर में सुधारवादी आन्दोलनों की लहर चल रही थी।