International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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इन्दौर जिले के चर्मकार शिल्पियों का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन (18वीं सदी से वर्तमान पर्यन्त)
2 Author(s): DR. RASHMI THAKUR , PROF . RAKESH KOTIYA
Vol - 14, Issue- 3 , Page(s) : 378 - 381 (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
सृष्टि के आरम्भ से ही कला का अस्तिŸव रहा है। मानव अपनी सभ्यता के आरम्भ में आदिमानव के रूप में वह बर्बर असभ्य एवं घुमन्तू जीवन व्यतीत करता था। इस समय वह खाद्य पदार्थ संग्राहक करना एवं जंगली जानवरों का शिकार करता था अर्थात् आदि मानव का जीवन का प्रकृति निष्ठ होता था तथा स्थायित्व का पूर्णतः अभाव था। उसको वस्त्र, कृषि, आग, मकान का ज्ञान नहीं था।