( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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कबीर पंथ के प्रतिनिधि कवि संत धर्मदास

    2 Author(s):  KAILASH KUMAR ,DR. SHANKARMUNI RAI

Vol -  14, Issue- 3 ,         Page(s) : 439 - 445  (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

कबीर के निर्गुण भक्ति की निर्मल धारा को छत्तीसगढ़ की पावन धरा की ओर मोड़कर प्रवाहित करने का श्रेय संत धर्मदास को है। उन्होंने खण्डन-मण्डन और विद्रोह के सिद्धांत को तिलांजलि देकर कबीरपंथ से विशुद्ध भक्ति और प्रेम रूपी अमृत निकाला और छत्तीसगढ़ के सरल सहज जनमानस को पान कराया।

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