( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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बैंकिंग क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी पूँजी निवेश का प्रभाव

    1 Author(s):  MANOJ KUMAR

Vol -  5, Issue- 4 ,         Page(s) : 138 - 145  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

विकास क्षेत्रों के क्रियाकलापों पर नियंत्रण हेतु देश में विभिन्न कृषि, व्यापारिक एवं औद्योगिक नीतियों की संरचना समय-समय पर की गई। देश में प्रथम औद्योगिक नीति, 1948 से ही विदेशी पूँजी निवेश को देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना गया। किंतु परतंत्रता की लंबी पीड़ा को देखते हुए विदेशी पूँजी का नियंत्रण भारतीय हाथों में रखे जाने की दृष्टि से प्रबंधन एवं स्वामित्व में पचास प्रतिशत से कम की ही हिस्सेदारी को स्वीकार किया गया। सन् 1980-90 तक सभी औद्योगिक नीतियों में इसी विचारधारा को सम्बल मिला, किंतु 1990 के दशक में विदेशी ऋणों का भार बढ़ने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी अंतर को कम करने, पूँजी की उपलब्धता प्राप्त करने, प्रतिस्पर्धा का सामना करने, मानवीय व प्राकृतिक संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग करने, निर्यात बाजार खोलने तथा इन सभी के साथ आर्थिक विकास के उच्चस्तर को प्राप्त करने के मद्देनजर जुलाई, 1991 को केन्द्र सरकार द्वारा खुली एवं उदार क्रांतिकारी औद्योगिक नीति, 1991 की घोषणा की गई।

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