International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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काव्य में उन्मादरसः विशेष अध्ययन
1 Author(s): SHIVA KUMAR NEPAL
Vol - 14, Issue- 9 , Page(s) : 11 - 30 (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
स्वभाव से ही साहित्य/काव्य का उद्भव, विकाश और अध्ययन समय अनुरूप होता है। लोक और काव्य भी परस्पर के परिपूरक हैं। दोनों एक दुसरे के आलंबन हैं। लोक में कुछ नयाँ देख्ते ही कवि उस के साथ आकर्षित, एकान्वित तथा घुमिल कर आलिङ्गन करना चहता है