रामनरेश त्रिपाठी और मैथिलीशरण गुप्त तुलनात्मक अध्ययन
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Author(s):
DR. BABITA CHAUDHARY
Vol - 5, Issue- 4 ,
Page(s) : 344 - 357
(2014 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, राष्ट्रभाषा को प्राणवत्ता प्रदान करने वाले, राष्ट्रीय-चेतना एवं संस्कृति के गायक थे। स्वभाव से विनम्र, शिष्ट, वैष्णव थे। महात्मा गांध्ी के अनुयायी होने के कारण, पतित-उ(ार और नारी स्वातन्त्रय के समर्थक थे। गुप्त जी सरल, लोक-संग्रही, आशावादी, कर्मनिष्ठ, स्वदेश के अतीत गौरव के अभिमानी और उज्ज्वल भविष्य के स्वप्नद्रष्टा कवि थे।
- गुप्त, भारत-भारती, पृ. 10
- डाॅ. रतन भटनागर, गुप्त जी की कृतियाँ, पृ. 9
- रामनरेश त्रिपाठी, आध्ुनिक कवि: रामनरेश त्रिपाठी, पृ. 1
- गुप्त, साकेत, सर्ग-8
- रामनरेश त्रिपाठी, हिन्दी ज्ञानोदय (तृतीय संस्करण), पृ. 30
- रामनरेश त्रिपाठी, मिलन, पृ. 27
- गुप्त, साकेत, पृ. 37
- सम्मेलन पत्रिका, श्र(ांजलि विशेषांक, पृ. 260
- रामनरेश त्रिपाठी, कविता कौमुदी, भाग-1, पृ. 210
- गुप्त, द्वापर, पृ. 23
- गुप्त, द्वापर, बलराम, पृ. 31
- रामनरेश त्रिपाठी, पथिक, पृ. 56
- रामनरेश त्रिपाठी, मिलन, पृ. 27
- गुप्त, द्वापर, पृ. 26
- रामनरेश त्रिपाठी, मानसी ;तृतीय संस्करणद्ध, राम कहाँ मिलेंगे, पृ. 40-41
- रामनरेश त्रिपाठी, स्वप्न, पृ. 21
- गुप्त, गुरुकुल, पृ. 175
- सं. विश्वम्भर ‘मानव’, गुप्त जी की कृतियाँ, पृ. 10
- गुप्त, विश्व वेदना, पृ. 52
- रामनरेश त्रिपाठी, बपफाती चाचा, भूमिका
- रामनरेश त्रिपाठी, मिलन, पृ. 5
- रामनरेश त्रिपाठी, जयन्त, पृ. 24-25
- गुप्त, साकेत, सर्ग-8, पृ. 235
- गुप्त, साकेत, पृ. 314
- रामनरेश त्रिपाठी, पथिक, पृ. 31
- गुप्त, साकेत, सर्ग-8, पृ. 234
- गुप्त, गुरुकुल, मंगलाचरण
- रामनरेश त्रिपाठी, मानसी ;द्वितीय संस्करणद्ध, पृ. 100-101
- गुप्त, भारत-भारती, पृ. 8
- वही, पृ. 10
- रामनरेश त्रिपाठी, मानसी, पृ. 47
- डाॅ. कृष्णदत्त पालीवाल, पं. रामनरेश त्रिपाठी का काव्य, पृ. 114
- रामनरेश त्रिपाठी, पथिक, पृ. 33
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