( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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भारतीय परंपरा और रामनरेश त्रिपाठी

    1 Author(s):  DR. BABITA CHAUDHARY

Vol -  5, Issue- 6 ,         Page(s) : 6 - 11  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

संस्कृत में परम्परा शब्द की व्युत्पत्ति ;परम$पृ$अचद्ध परम पिप£त इति परम्परा बतलाई है। ‘पृ’ धतु का अर्थ पालन करना और पूर्ण करना और ‘अच’ प्रत्यय का अर्थ होता है कत्र्ता अतः परम्परा का सामूहिक अर्थ हुआ उत्कृष्ट का पालन करने वाला और इसका सामान्य अर्थ होगा - ‘एक के बाद दूसरा’। परम्परा शब्द उत्कृष्ट सबसे अतिगूढ़ आदि अर्थों में प्रयुक्त होता है।

  1.    अंशुबाला, भारतेन्दु युगीन काव्य में परम्परा और आध्ुनिकता, पृú 125 से उ(ृत
  2.    Encyclopedia of Religion and Ethics Vol. XII, Ed. by James hasting, p. 411
  3.    भारतीय साहित्य में एकता, निबंध्
  4.    मानसी, आह्वान, पृ. 42
  5.    मानसी, पृ. 47
  6.    मानसी, पृ. 47
  7.    मानसी, (द्वितीय संस्करण), पृ. 44
  8.    मानसी, सीता, पृ. 128
  9.    जयन्त, पृ. 45
  10.    कन्या शिक्षावली (पाँचवां भाग), पृ. 72-75
  11.    कन्या शिक्षावली (पाँचवां भाग), पृ. 84
  12.    मानसी, पृ. 38
  13.    मानसी, सीता, पृ. 124
  14.    कन्या शिक्षावली (भाग-6), पृ. 71
  15.    वही, पृ. 71

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