International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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अथर्ववेदीय ज्योतिषतत्व
2 Author(s): NEHA BHATI,DR. UMA SHANKAR
Vol - 15, Issue- 2 , Page(s) : 11 - 18 (2024 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
वेद आर्यजाति के प्राण है। ये मानवमात्र के लिए प्रकाश-स्तम्भ और शक्ति के स्रोत हैं। विश्व को संस्कृति का ज्ञान देने का श्रेय वेदों को है। वेद ही विश्वबन्धुत्व, विश्व-कल्याण और विश्वशान्ति के प्रथम उद्घोषक है।