( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 426    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

छत्तीसगढ़ की चौखुटिया भुँजिया जनजाति विवाह एवं दाम्पत्य

    3 Author(s):  SATYAJEET SINGH KOSARIYA , DR, ASHOK PRADHAN

Vol -  5, Issue- 6 ,         Page(s) : 49 - 54  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

विवाह जनांकिकी विश्लेषण का एक प्रमुख विषय है, प्रजननता का आधार विवाह है या यू कहा जाये कि विवाह पुनरूत्पादन का कारण है। विवाह प्रत्येक समाज की एक सामान्य एवं स्वाभांविक घटना है। यही कारण है कि यह प्राचीन जनजातियों से लेकर अति आधुनिक समाजों, सभी में किसी न किसी रूप में पाया जाता है।

  1. Kosariya, S. S. (2014). Chhattisgarh ki Bhunjia Janjati ka Samajik, Aarthik, evam Shaikshanik Adhyayan. Bhartiya Bhasha, Shiksha, Sahitya evam Shodh, 5(3), 63. Retrieved Jun 1, 2014, from http://www.bhartiyashodh.com/volumedetails.aspx?vol=5&issue=3#
  2.  Russel R.V.and Hiralal, (1916).  Tribes and Caste of Central Proviences of India, 4: 322-328. London:macmillan and co.
  3. मुकर्जी रविन्द्र नाथ 2004, सामाजिक मानवशास्त्र की रूपरेखा, विवके प्रकाशन दिल्ली। 
  4. चैबे रामेश एवं वन्दना शर्मा, 2003, सामाजिक संास्कृतिक मानवविज्ञान, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी।
  5. पटैरिया, हरिनारायण, 1995, जैविक जनांकिकी, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी।

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details