छत्तीसगढ़ की चौखुटिया भुँजिया जनजाति विवाह एवं दाम्पत्य
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Author(s):
SATYAJEET SINGH KOSARIYA , DR, ASHOK PRADHAN
Vol - 5, Issue- 6 ,
Page(s) : 49 - 54
(2014 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
विवाह जनांकिकी विश्लेषण का एक प्रमुख विषय है, प्रजननता का आधार विवाह है या यू कहा जाये कि विवाह पुनरूत्पादन का कारण है। विवाह प्रत्येक समाज की एक सामान्य एवं स्वाभांविक घटना है। यही कारण है कि यह प्राचीन जनजातियों से लेकर अति आधुनिक समाजों, सभी में किसी न किसी रूप में पाया जाता है।
- Kosariya, S. S. (2014). Chhattisgarh ki Bhunjia Janjati ka Samajik, Aarthik, evam Shaikshanik Adhyayan. Bhartiya Bhasha, Shiksha, Sahitya evam Shodh, 5(3), 63. Retrieved Jun 1, 2014, from http://www.bhartiyashodh.com/volumedetails.aspx?vol=5&issue=3#
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