( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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प्राचीन भारतीय धार्मिक वाङ्मय में वर्ण-व्यवस्था

    1 Author(s):  DR SUNIL KUMAR

Vol -  15, Issue- 10 ,         Page(s) : 33 - 38  (2024 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

वर्तमान में वर्ण व्यवस्था प्रचलन में नहीं है किन्तु भारत में प्राचीन काल से ही वर्ण व्यवस्था समाज का एक अभिन्न अंग रही है । प्राचीन काल से ही भारत में एक ऐसे समाज को विकसित करने का प्रयास किया गया जिसके द्वारा मनुष्य को सही मायनों में एक सामाजिक प्राणी बनाया जा सके ।

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