International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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श्रीमद् भागवत् गीता में मनोविज्ञान
2 Author(s): DR. SUNIL KUMAR SHUKLA ,RAJARSHI MANI TRIPATHI
Vol - 15, Issue- 10 , Page(s) : 186 - 194 (2024 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
भारतीय अध्यात्म की गहनता और वैदिक संस्कृति का सार गीता में स्पष्ट रूप से उभरता है । गीता, जिसे महर्षि वेदव्यास के दिव्यज्ञान पर आधारित माना जाता है, केवल एक ग्रंथ नहीं बल्कि एक अनंत आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है।