International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानियों में सामाजिक परिवेशगत यथार्थ
2 Author(s): RATIRAM GARHEWAL ,DR. RESHMA ANSARI
Vol - 15, Issue- 11 , Page(s) : 182 - 188 (2024 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
कहानियों में समाज और परिवेश सौंदर्य का समावेश अनिवार्य है। हमारे आसपास का परिवेश जिसे हम लोक भी कहते हैं, सामाजिक सरोकार जनता के बीच हमारी चेतना को प्रभावित करता है।