International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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आस्तीक महाकाव्य में नैतिक सन्देश
2 Author(s): PROF. HEMLATA BOLIYA , BANWARI LAL MEENA
Vol - 5, Issue- 12 , Page(s) : 193 - 197 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
समाज में रहने के लिए नैतिक व्यवहार के बारे में बहुत कुछ जानना पड़ता है। अपने स्वयं के प्रति, परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति एवं वृहत् समाज के प्रति प्रत्येक के अगणित कत्र्तव्य होते हैं। इन कत्र्तव्यों का पालन करने के उद्देश्य से सबको नीतिशास्त्र के उपदेशों पर ध्यान देना चाहिए। पुस्तक पढ़कर जानने की अपेक्षा आदर्श चरित्र व्यक्ति से संसर्ग में रहकर तथा माता-पिता आदि गुरुजनों से सीखने का मूल्य अधिक होता है परन्तु फिर भी नीतिशास्त्रों का महत्व, भी सदा रहा है व रहेगा।