1. श्रीलाल शुक्ल-राग-दरबारी-प्रथम संस्करण 1968 ई0,राजकमल प्रकाषन, नई दिल्ली-2
2. श्रीलाल शुक्ल- राग दरबारी-आवरण पृष्ठ-1
3. डाॅ0 अखिलेष-श्रीलाल शुक्ल की दुनिया-पृष्ठ-45, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली-2
4. डाॅ0 बच्चन सिंह-उपन्यास का काव्यशास्त्र-पृष्ठ-5, 2008-दरियागंज, नई दिल्ली-2
5. डाॅ0 नामवर सिंह-श्रीलाल शुक्ल संचयिता-राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली-2
6. श्रीलाल षुक्ल-राग दरबारी-पृष्ठ-6
7. वही-पृश्ठ-10
8. वही-पृश्ठ-12
9. वही-पृश्ठ-16
10. वही-पृश्ठ-33
11. डाॅ0 नित्यानन्द तिवारी-प्रसंग और आलोचना
(’राग दरबारी’ को फिर से पढ़ना)-पृश्ठ-138-139 प्रथम संस्करण -2013, स्वराज प्रकाषन, नई दिल्ली-2
12. श्रीलाल षुक्ल-राग दरबारी-पृश्ठ-81
13. वही-पृश्ठ-126
14. डाॅ0 बच्चन सिंह-उपन्यास का काव्यषास्त्र-पृश्ठ-53
15. श्रीलाल षुक्ल- राग दरबारी- पृश्ठ-108
16. वही-पृश्ठ-144
17. वही-पृश्ठ-198
18. वही-पृश्ठ-190
19. वही-पृश्ठ-195
20. वही-पृश्ठ-279
21. वही-पृश्ठ-281-282
22. डाॅ0 रामदरष मिश्र-हिन्दीं उपन्यासःएक अन्तर्यात्रा-पृश्ठ-254
23. श्रीलाल षुक्ल- राग दरबारी-पृश्ठ-318
24. वही-पृश्ठ-327
25. व्ही-पृश्ठ-330
26. श्रीलाल षुक्ल-बकलमखुद-‘राग दरबारी‘ की प्रासंगिकता- राज कमल प्रकाषन-नई दिल्ली-2