शासकीय हायर सेकेण्डरी विद्यालय में कार्यरत बी.एड. प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित शिक्षिकाओं की शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति के उन्नयन में व्यावसायिक शिक्षा के प्रभाव का अध्ययन
2
Author(s):
DR. SAUMAYA NAIYAR , SMT. SUNITA TIWARI
Vol - 6, Issue- 4 ,
Page(s) : 293 - 298
(2015 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
मानव प्रकृति की एक अद्भूत रचना होने के साथ-साथ समस्त जीवों से सर्वश्रेष्ठ प्राणी कहलाता है। मानव ने जहां बौद्धिक प्राणी होने के कारण आदि मानव काल से लेकर आज अपनी अस्तित्व की रक्षा के लिए आस-पास के वातावरण से निरन्तर सीखने का अथक प्रयास किया। मानव ने अपनी सीखने की प्रवृत्ति से स्वयं को विकसित किया। यही सीखने की सतत् प्रक्रिया ही शिक्षा कहलाती हैं। यही शिक्षा मानव को सामान्य प्राणी से सामाजिक प्राणी व बौद्धिक मानव में परिणित किया। शिक्षा अपने परिष्कृत एवं शुद्ध रूप से मानव को विवेकशील व ज्ञानवान मानव के रूप में विकसित किया। इसी कारण मनुष्य को प्रकृति की सर्वोत्तम कृति होने का गौरव प्राप्त हुआ। जो मानव एवं मानव विकास में शिक्षा सर्वोत्तम शिक्षा सर्वोच्च भूमिका निभाया।
- Aggarwal, J.C., (1991), Educational Research: an Introduction”, New Delhi, Arya Book Depot, 4th revised Edition.
- Best John, W., (1996), “Research in Education”, New Delhi, Prentice Hall of India, Private Ltd., 7th Edition.
- Best, J. W. and Kahn, J. V. (2010): Research in Education, Tenth Edition, PHI Learning Private Limited, New Delhi.
- Garrette, Henry E., (& Woodwarth, R.S.), (1973) “Statistics in Psychology and Education”, Bombay, Vakils, Feffer and Simons Pvt. Ltd.
- Khan, Mohd. Shariff, (2004) “Educational Research” New Delhi, Ashish Publishing House.
|