पर्यटन और पर्यावरण:- झारखण्ड के संदर्भ मेें एक भौगोलिक अध्ययन
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Author(s):
MUKESH ORAN , DR. ASHOK ORAN
Vol - 6, Issue- 5 ,
Page(s) : 180 - 188
(2015 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
पर्यटन एवं पर्यावरण में अन्योन्याश्रय संबंध हैं। राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय किसी भी पर्यटन हेतु एक उत्तम पर्यावरण की आवश्यकता होती हैं। इसमें सामाजिक आर्थिक परिवेश की भी जरूरत होती है क्योंकि आर्थिक वातावरण तो निश्चित तौर पर नियमित पर्यटन से ही संभव है। पर्यावरण के स्तर में गिरावट के परिणाम से पर्यटन में कमी हो सकती है जबकि अनियंत्रित पर्यटन का परिणाम पर्यावरण का ह्यस एवं स्तरहीनता है। झारखण्ड पर्यटन की दृष्टि से देश का संपन्न राज्य है यहाँ पर्यटक भिन्न-भिन्न स्थानों पर अपनी अवधि को ध्यान में रखकर अवकाश और मनोरंजन हेतु भ्रमण करते हैं और बुनियादी तौर पर समय व्यतीत करने आते हैं। लोगों का यह व्यवहार अनुचित नहीं हैं। ये उस समय अप्रिय हो जाता है जब वे ऐेसे स्तर की सुविधाएँ लेने हेतु आग्रह करते हैं जो स्थानीय संसाधनों को क्षतिग्रस्त करती है तथा स्थानीय लोग उदासीन होकर दूर हो जाते हैं या स्थानीय सांस्कृतिक प्रारूप विकृत हो जाता हैं।
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