( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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उच्च माध्यमिक स्तर के एकल एवं संयुक्त परिवारों के विद्यार्थियों में समायोजन का अध्ययन

    2 Author(s):  KASHMIR SINGH , DR. ONKAR NATH MISHRA

Vol -  6, Issue- 7 ,         Page(s) : 344 - 353  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

‘‘उच्च माध्यमिक स्तर के एकल एवं संयुक्त परिवारों के विद्यार्थियों में समायोजन का अध्ययन’’ंवर्तमान भारतीय समाज में परिवार महत्वपूर्ण स्थान रखते है। आज का बालक कल के समाज का भावी नागरिक है। जो बालक नवीन वातावरण से अपना समायोजन नहीं कर पाते उसका व्यवहार नैराष्य के कारण असामान्य हो जाता है। ऐसे बालक संवेगात्मक दृश्टि से अस्वस्थ कहे जा सकते हैं, और ऐसे बालकों को विभिन्न क्षेत्रों के समान ही षिक्षा के क्षेत्रों में भी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सामान्य व्यवहार जानने के पष्चात् वे असामान्य विद्यार्थियों के आवष्यक समायोजन में सहयोग दे सकेगें। छात्र-छात्राओं को समायोजन स्थापित करने के लिए उचित निर्देषन की आवष्यकता महसूस होने लगती है। बालक के लिए परिवार की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि बालक अपने जन्मकाल से ही परिवार में रहता है और उसके व्यक्तित्व के निर्माण में परिवार का वातावरण स्वस्थ हो तो बालक एक अच्छा नागरिक बनता है और यदि परिवार का वातावरण दूशित होगा तो उसकी समायोजन क्षमता निम्न स्तर की होगी। एकल परिवार व संयुक्त परिवार से बालक में संस्कृति व नवीन परम्पराओं का विकास होता है। बालक का सर्वांगीण व समायोजन के विकास के लिए संयुक्त परिवार का होना अत्यंत आवष्यक है।

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