( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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म्हिलाशक्तिकरण का नया आगम स्वसहायता समूह

    3 Author(s):  SMT. RAJNI KHARE , DR. CHANDRIKA NATHWANI , DR. VINOD JOSHI

Vol -  6, Issue- 12 ,         Page(s) : 52 - 62  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में महिलाओं की स्थिति कमजोर है । बल्कि समाज में इनका स्थान भी निम्नतर है। यद्यपि देश का लगभग आधा भाग, ं महिलाऐं आर्थिक रूप से आय का अर्जन करती है परन्तु परिवार को आर्थिक लाभ देने के बाद भी और कई बार पुरूषों से अधिक कार्य करने के बाद भी पारिवारिक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को पुरूषांे के द्वारा नकार दिया जाता है जिससे भारत जैसे राष्ट्र में लैंगिक भेद की गंभीर स्थिति उत्पन्न होती रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक विसंगति जिन कारणों के कारण विकराल रूप ले रही है उनमें से गरीबी, बेरोजगारी परिवार में आदर और सम्मान की कमी महत्वपूर्ण है।

  1. Kabeer, N., (1999), “Resources, Agency, Achievement : Reflection on the Measurement of Women Empowrment”, Development and Change, Vol-30, pp. 435-464. Impact of Self-help Groups on Economic Empowerment of Women in Assam Rahul Sarania Volume-I, Issue-I February 2015,159.
  2. Rajammal P. Devdas (1999) “Empowerment of Women through SHGs”, 1999.
  3. Veena Kumar (1999) “Social-Economic Status of Women in India”. Southern Economist, August.
  4. Kapoor,Pramilia(2001): “Empowering the Indian women,” Ministry of Information and Broadcasting, Government of India.

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