International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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निराला कथा-साहित्य में नारी-सृष्टि
1 Author(s): SHAMSHAD BEGUM RAZZAK
Vol - 6, Issue- 12 , Page(s) : 131 - 133 (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
छायावादी कवियों ने एक ओर जहाँ नारी-सुलभ कोमलता, लज्जा और सुंदरता का और उसके प्रेम-रूपक के खुले कण्ठ से गीत गाये, वहीं निराला ने उसमें संपूर्ण मानस का अनुभव किया। कवि ने उस प्रेम-रूपा के जीवन के उन कोणों को सहजता से छुआ है, जो संसार के पटल पर उसके जीवन की वास्तविकता और उसके अस्तित्व का उद्घोष करती है। तत्कालीन साहित्यिक परिस्थितियों से विसंगत कवि ने नारी शोषण के साथ-साथ नारी-शक्ति, उसके सामर्थ्य, बुद्धिमत्ता और संघर्ष के गीत गाये।