( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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उत्तराखण्ड के देवालयों का पर्यावरण संरक्षण व संवर्द्धन में योगदान: “विशेष संदर्भ-तपोवन क्षेत्र”

    1 Author(s):  DR. DEEPA JALAL

Vol -  6, Issue- 12 ,         Page(s) : 202 - 205  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

21वीं शताब्दी पर्यावरण के प्रति जागरूकता व चिन्तन लेकर आयी है। परिणामस्वरूप विश्व के जागरूक देशों द्वारा अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर मंच बनाकर इस समस्या को उठाकर उसका समाधान करने हेतु कई नियम बनाये जा रहे हैं। भारत ने भी पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन के प्रति अपनी चिंता जाहिर करते हुए इस विषय में आयोजित विश्व स्तरीय सम्मेलनों में प्रतिभाग कर अपनी बात रखी है।

1. प्राचाीन भारत का इतिहास, वी.डी. महाजन, पृष्ठ 58-59
2. पर्यावरण संस्कृति प्रदूषण एवं संरक्षण, नित्यानन्द मिश्र, शिवचरण पाण्डेय, पृ0 9
3. पर्यावरण एवं भारतीय संस्कृति डाॅ0 शेर सिंह बिष्ट, पृ0 22
4. पर्यावरण संरक्षण, डाॅ0 एन0एस0 भण्डारी, पृ0 102
5. अमर उजाला, दैनिक समाचार पत्र देहरादून, संस्करण दिनांक 04.12.2009 पृ0 16
6. हिन्दुस्तान, दैनिक समाचार पत्र का संस्करण देहरादून, पृ0 17 28, दिसम्बर, 2011
7. उत्तराखण्ड इयर बुक, बिनसर पब्लिकेशन, सम्पादक, लोकेश नवानी व अन्य पृ0 25
8. हिन्दुस्तान, दैनिक समाचार पत्र 16-7-11, लंदन एजेंसियो, संस्करण देहरादून। 
9. हिन्दुस्तान, दैनिक समाचार पत्र 16-7-11, लंदन एजेंसियो, संस्करण देहरादून। 
10. हिन्दुस्तान, दैनिक समाचार पत्र 16-7-11, लंदन एजेंसियो, संस्करण देहरादून। 
11. हिन्दुस्तान, दैनिक समाचार पत्र 16-7-11, लंदन एजेंसियो, संस्करण देहरादून। 
12. पर्यावरण, डाॅ0 एन.एस. भण्डारी, पृ0 158
13. हिन्दुस्तान, दैनिक समाचार पत्र, देहरादून संस्करण 7-12-11, पृ0 1

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