( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 195    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

लोकतंत्रात्मक समाजवाद,एषियाई समाजवाद व चौखम्भा राज

    1 Author(s):  DR. RENU RADHA

Vol -  7, Issue- 1 ,         Page(s) : 236 - 238  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

मानव जाति के प्रारंम्भिक काल से लेकर अभी तक विभिन्न प्रेकार की षासन व्यवस्थाऐं विद्यमान रही है। अरस्तु से लेकर वर्तमान समय तक साधारण रूप से षासन व्यवस्था के तीन रूप प्रचलित रहे है- राजतंत्र,कुलीनतंत्र व लोकतंत्र। भारत मे लोकतंत्रात्मक समाजवाद का प्रारम्भ ब्रिटिष साम्राज्य के विरूद्ध किए जाने वाले राष्ट्रीय संघर्ष मे ही हो गया था लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर अभी तक षासन द्वारा समाज को लोकतंत्रात्मक समाजवाद बनाने की दिषा मे जो भी प्रयास किए गए वे अप्रर्याप्त ही रहे है। लोकतंत्रवादी समाजवादी समाज को एक सावयव मानते है जिसका धीरे धीरे विकास होता है। डा0 राम मनोहर लोहिया जी का विष्वास था कि समाजवाद को केवल श्रमिक वर्ग से ही नही बढ़ाया जा सकता बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को अपनी क्षमता,योग्यता का प्रयोग इस दिषा की ओर करना चाहिए। समाजषास्त्री हरबर्ट स्पेन्सर समाज सावयव मानते हैं। उनका विष्वास है कि- श्समाज एक प्राणीषात्रीय व्यवस्था की भातिं है।दोनो की संरचना व कार्य एक समान है। सावयव की भातिं समाज का विकास सरलता से जटिलता की ओर जाता है व समाज मे भी कार्यो का विभाजन और संरचना के विभिन्न अंगो मे अंतःसम्बंध व अंतः निर्माण देखने को मिलता है।श्

  1. सामाजिक विचारधारा-काम्ट से मुकर्जी तक, डा0 रवीन्द्र नाथ मुकर्जी,विवके प्रकाषन,जवाहरनगर दिल्ली-7 पृ0सं0-82
  2. आधुनिक राजनितिक विचारों का इतिहास भाग 3 बेन्थम से माक्र्स तक, ज्योति प्रसाद सूद, के0नाथ एण्ड कम्पनी, मेरठ पृ0सं0-275
  3. भारतीय राजनीतिक चिंतन, डा0 बी0एल0फड़िया,साहित्य भवन पब्लिकेषन आगरा पृ0सं0-235
  4. राजनितिक सिद्धांत की रूपरेखा, ओम प्रकाष गाबा,पेपरवैक्स ए-95,सेक्टर-5 नोएडा, पृ0सं0-27
  5. भारतीय राजनीतिक चिंतन, डा0 बी0एल0फड़िया,साहित्य भवन पब्लिकेषन आगरा पृ0सं0-239

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details