International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
हिन्दी सिनेमा का समाजशास्त्र और स्त्री देह
1 Author(s): DR. TRIPTI SRIVASTAVA
Vol - 7, Issue- 3 , Page(s) : 346 - 352 (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
फिल्में केवल तीन चीजों की वजह से चलती हैं पहला- एंटरटेनमेंट, दूसरा- एंटरटेन्मेंट और तीसरा भी एंटरटेन्मेंट! यह डॉयलॉग केवल डर्टी पिक्चर भर को ही जस्टिफाई नहीं करता बल्कि आज की पूरी हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री को जस्टिफाई करने का तर्क बन प्रस्तुत होता है. इस डॉयलॉग की भूमिका एवं सन्दर्भ फिल्म में नायिका के चरित्र को पुनर्स्थापित करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा सूत्र वाक्य है जिस के आधार पर वर्तमान हिन्दी सिनेमा के पूरे समाजशास्त्र को समझा जा सकता है.