International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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”झारखण्ड के भाषा साहित्य के क्षेत्र में शोध की संभावनाएँ और प्रासंगिकता“
1 Author(s): ROSHNI SURYAWALA SINGH
Vol - 7, Issue- 9 , Page(s) : 144 - 150 (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
सम्पूर्ण झारखण्ड भाषा-साहित्य को एक साथ संयोजित कर रखना बहुत ही कठिन कार्य है। प्रत्येक जाति के अपना समाज, अपना धर्म और साहित्य, अपनी भाषा एवं अपनी संस्कृति है। भाषा से केवल व्यक्ति की ही नहीं बल्कि जाति एवं समाज की पहचान होती है। जिस जाति की मातृभाषा मजबूत होती है, वह उतना ही अधिक सषक्त होती है। समाज के सभी वर्ग के लोग, छात्र-छात्राएँ एवंशिक्षिक अपनी भाषा साहित्य की रचना करने में हमें गर्व का अनुभव होना चाहिए। तभी हमारा साहित्य समृद्ध होगा। झारखण्ड की भाषा जुबां की भाषा नहीं, बल्कि मन आत्मा की भाषा है।